ગુરુવાર, 1 ફેબ્રુઆરી, 2024

पहली बार रोटी किसने गोल बनाई होगी होगी ?

 डलिया में रखी रोटी को निहार कर, मन में ख्याल आया पहली बार रोटी किसने गोल बनाई होगी, 

क्यों बनाई होगी, सवाल का जवाब मिला नहीं, पर हर मां हर गृहिणी रोटी गोल बनाती है, प्रत्येक रोटी फूलती है, रोटी के अंदर एक गृहिणी का प्यार छिपा होता है, कभी रोटी आड़ी तिरछी बनती नहीं है, प्रत्येक रोटी गृहिणी के प्यार से फूलती है, बड़े-बड़े शेफ जब रोटियां बनाने लगते हैं तो वह घबराते हैं, रोटी फूलेगी या नहीं, लेकिन एक गृहिणी को आत्मविश्वास होता है, क्योंकि वह अपने पन का भाव लिए उस रोटी को बनाती है, उसमें अपनी ममता डालती है, प्यार डालती है, रोटी में बरकत होती है, कितनी भी कम रोटियां बनाई जाए, लेकिन घर में कभी कम नहीं पड़ती है, हमेशा एक आध रोटी बच ही जाती है, जिसका गृहिणीया बड़ी होशियारी से सुबह के नाश्ते में उपयोग कर लेती है, पुरुष समझते हैं अभी-अभी ताजा बना है, यही तो कमाल  है एक गृहिणी का, रोटी गोल पृथ्वी भी गोल, सारी दुनिया गोल है, सारा झोल इस रोटी का ही है, इस रोटी के लिए सभी मारे मारे फिरते हैं, एक दूसरे को टोपी पहनाते हैं, क्योंकि पेट आदेश देता है रोटी चाहिए, बस कमाने निकलते हैं, छल से कपट से, ईमान से, जैसे भी आए रोटी हर घर में आनी चाहिए, पर जिस भाव से आती है वैसी ही संतान होती है, सारा भावना का खेल है, सद कर्म का पैसा अगर होगा तो घर में औलाद में  बरकत और खुशहाली देखेंगे, वरना आप खुद समझदार हैं, जिस रूप से आपने रोटी कमाई है वही रूप लेकर औलाद आपके सामने आएगी, आपका बुढ़ापा दुश्वार कर जाएगी, किसी को आपने टोपी पहनाई और बच्चों को रोटी खिलाई, बच्चे आपको टोपी पहनाएंगे, वह  ऐसे रास्ते पर निकल जाएंगे जहां से लौट कर आप कभी उन्हें वापस नहीं ला सकते हैं, अगर आप उन्हें ले भी आते हैं, तो आपका दिल कभी नहीं करेगा ऐसी संतान को स्वीकार करने का, धन  हमेशा ईमान का होना चाहिए, ईमान में ही बरकत होती है, सब्जी एक हो लेकिन बनाने वाली के हाथ में जादू हो, खाने वाले पर भी वह जादू चल जाएगा, खाना बनाने वाली में और खाना खाने वालों के बीच अगर प्यार हो तो, खाना क्या बना है यह मायने नहीं रखता है..!!

-सोशियल् मिडिया से...